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ThahaChaena
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Posted on 04-30-12 1:04
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'एउटा बाकस आएछ '
आर्य घाटमा बन्द बाकस भित्र आज एउटा लाश आएछ
आफन्त हैन भन्ने थाहा पायेर अलिकती सास आएछ
भन्थ्यौ सारा संसारको सुख तिमीलाई दिन्छु
आफु मात्र हैन तिमीसाथ हुँदा संसारै बिर्सिन्छु
सुटुक्क कानमा माया गर्छु तिमीलाई भन्थ्यौ लजाएर
गयौ पर्देश तिमि भबिश्यको सपना कती सजाएर
सम्झी यो बाकस उकुश्मुकुसिएको मनको तडप उर्लिरहन्छ
भोको-पय्सी तिमी घोटिरहँदा आत्मा मेरो यहाँ जलिरहन्छ
डर लाग्छ यो बन्द बाकसले भोली को बोकी आउने हो
फर्क मेरो माया आफ्नै देशमा केही गरेपनी त भो
आर्य घाटमा बन्द बाकस भित्र आज एउटा लाश आएछ
आफन्त हैन भन्ने थाहा पायेर अलिकती सास आएछ ।।
मेरो कविता लेख्ने कोशिश खै के भयो ....... सपार्न र सुधार्न मदत गर्नुस है
-थाहा-छैन (थाने)
Last edited: 30-Apr-12 01:04 AM
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amricane
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Posted on 04-30-12 8:27
AM [Snapshot: 159]
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PeaceSoul
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Posted on 04-30-12 8:31
AM [Snapshot: 155]
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मलाइ कविताको शिर्षक र केहि हरफ राम्रो लाग्यो .. मेरो कम्जोर साहित्य को ज्ञानले मुल्यांकन गर्न त मा सक्दिन ... तर अरु हरफ शिर्षक को ताल संग मेल नखाएको हो कि जस्तो लाग्यो .. अन्यथा माफ होस् ....
आर्य घाटमा बन्द बाकस भित्र आज एउटा लाश आएछ
सम्झी त्यो बाकस उकुश्मुकुसिएको मनको तडप उर्लिरहेछ
भोको-पय्सी तिमी घोटिरहँदा आत्मा मेरो यहाँ जलिरहन्छ
आफन्त हैन भन्ने थाहा पायेर अलिकती सास आएछ ....
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Rahuldai
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Posted on 04-30-12 8:48
AM [Snapshot: 189]
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प्रयास राम्रो, शैली राम्रो. भाव स्पष्ट तर हरफ हरफ बीच ताल र मेल चाही अलि पुगेंन .
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Bhaktey
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Posted on 04-30-12 9:07
AM [Snapshot: 213]
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ओहो थाने मार्मिक कविता पो लेख्यौ त !!
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intelligentguy
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Posted on 04-30-12 10:28
AM [Snapshot: 300]
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Ho bhania bhakte daily kasto naramailo kabita
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Geology Tiger
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Posted on 04-30-12 10:50
AM [Snapshot: 316]
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थाने अत्यन्त भावपूर्ण कविता..
ठुल्दाइले भने झै शब्दहरुलाई अझ मिलाउन सके सुन्दर हुने थियो
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Pokhrelikanchi
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Posted on 04-30-12 11:27
AM [Snapshot: 366]
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मलाई त एक दम मार्मिक लाग्यो . म पनि भर्खर ताते ताते नै हुँ सल्लाह दिन अलि सकिएन है . मेरो विचार मा जति लेख्यो तेती janincha कि?
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mulmiz
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Posted on 04-30-12 12:07
PM [Snapshot: 420]
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राम्रो छ, प्रयासलाई जारी राख थाने
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ThahaChaena
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Posted on 04-30-12 12:38
PM [Snapshot: 444]
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अम्रिकेन, पिस सोउल , ठुल्दाई, भौते-दाई, इन्टेलीजेन्टगाइ, जितु-दाइ, पोखरेली-कान्छी र मुल्मिज़-दाई हजुरहरु सप्पैको प्रतिक्रिया र सुझाबको लागि भित्रि-मनदेखि नै धन्यबाद. म अझै मेरो लेखाईलाइ खार्ने कोशिश गर्दै जानेछु .
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timi_mero_sathi
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Posted on 04-30-12 4:32
PM [Snapshot: 561]
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थाहा छैन जी
हाम्रो मर्का समातेर लेख्नु भो, यो पिडा कहिले सकिने साथी? थाहा छैन
आज लास आफन्त को आएन साथी, तर कति दिन? थाहा छैन
मलाइ नभयेपनी अर्का लाइ दुखः थपियो साथि, कस्लाई हो? थाहा छैन
माया ले पेट भरिने भए कहाँ जान्थे विदेश साथी, पेट भर्ने कसरि?थाहा छैन
एस्तो राम्रो कविता लेख्नु भो, कहा सिक्न भो साथी ? कती दिउ धन्यवाद, थाहा छैन
Last edited: 01-May-12 06:33 AM
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dipika02
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Posted on 05-01-12 9:05
AM [Snapshot: 759]
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थाने भाई, खाडी मुलुक बाट त्यस्ता बाकस कती भित्रिन्छन हाम्रो देशमा भनेर एउटा article पढेको धेरै भएको छैन। धन कमाउन गएकाहरु आँफै बाकसमा पोको परेर कती फर्कने रहेछन है। कठै!!
प्रयास राम्रो छ।
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Nepal ko chora
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Posted on 05-01-12 11:30
AM [Snapshot: 820]
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थाने ब्रो, तितो यथार्थलाइ कविताको रुप दिने प्रयास राम्रो छ अनि भाव गहिरो छ| अरु पनि लेख्दै गर...
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adventurer
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Posted on 05-01-12 1:38
PM [Snapshot: 846]
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ThahaChaena
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Posted on 05-01-12 8:23
PM [Snapshot: 907]
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TMS ,दिपिका-दि , नेप्चे-दाज्यु र Adventurerलाइ धेरै धेरै धन्यबाद.... प्रयास अझै जारीराख्ने छु ....सप्पैको सुझाबले झन् उकाश्यो मेरो मनोबल ...... फेरी पनि सप्पैलाई धन्यबाद
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